क्रिकेट प्लेयर मजदुर का बेटा जाने अनोखी कहानी 3 करोड़ कमा कर कैसे बना करोडपति क्रिकेटर

मजदुर के क्रिकेट प्लेयर बेटे की अनोखी कहानी कैसे बना करोडपति क्रिकेटर 

एक गरीब मजदूर का बेटा सफल होकर करोड़ों रूपए कमाने लग जाए तो आश्चर्य होने की बात है !आज हम बात कर रहे एक इसे ही cricket player  इंसान की जो कल तक सिर्फ उसकी यही पहचान थी वह एक गरीब परिवार से है लेकिन आज उसकी मेहनत रंग लाई है ! आज उसका खुद का भी मुकाम है आज सारी दुनिया में उसकी भी पहचान है ! हम बात कर रहे राजस्थान के बने  carodapati cricketer जो आईपीएल में मुंबई इंडियन्स की टीम ने 3.20 करोड़ रूपए की बोली लगाकर ख़रीदा है , जिनका नाम है नाथू सिंह !नाथू सिंह की गेंदबाजी की चर्चा आज सभी जगह है !
 जैसा की जानकारी मिली है की नाथू सिंह का परिवार एक साधारण परिवार है ! नाथू सिंह के पिता खेती करते थे लेकिन जब उनका गुजरा खेती से नही चला तो उन्होंने एक वायर की फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया ! और उधर नाथू सिंह पहले एक साधारण लड़के के तरह गली मोहल्लो में क्रिकेट खेलते थे ! कहते है ना की अगर आपकी लगन और मेहनत करने का जज्बा है तो आपको मुकाम मिलेगा ! आज के समय आपको इसके बहुत उदारहण मिल जायेंगे !
यह भी >>>>>> जाने बिना मेहनत के क्या मिलता है
आज इस मुकाम पर पहुचने से पहले नाथू सिंह के लिए भी आसन नही था ! जब वह सिर्फ गली मोहल्लो में cricket player होअकर  खेलते थे उस समय उसके के रिश्तेदार ने कह की उसको बड़े स्तर पर खेलना चाहिए ! तो उसके लिए उसके किसी अकादमी से जुड़ना पडेगा तो इसके लिए उन्होंने स्थानीय अकादमी सुराणा अकादमी में प्रवेश लेने की सोची लेकिन उसकी फीस थी दस हजार रुपये थी तो फिर उन्होंने दो महीने के लिए उसमे प्रवेश लिया ! लेकिन दो महीने बाद फिर वही समस्या आ गयी पैसे के बिना कैसे आगे खेले ! अकादमी  कोच ने उनकी लगन और मेहनत देखा कर फीस कम कर दी और उसके मामोसा ने भी उसको प्रोत्साहन किया ! साल भर की मेहनत रंग लाई उनका चयन राजस्थान अंडर -19 की टीम में हो गया है ! और आज CARODAPATI CRICKETER होकर अपने घर वालो की हेल्प कर रहे है ! इनका जीवन हम सब के लिएय एक प्ररेणा का काम कर रहा है !
इसके बाद उनका चयन आईपीएल की टीम के लिए भी हो चूका है ! नाथू सिंह की गेंदबाजी की तारीफ ग्लेन मैक्ग्राथ ने भी की थी ! और उन्होंने उसकी अभ्यास तक करवाया है !
हमारा मानना है की आज के इंसान में लगन होने पर उसके मुकाम हासील करने में कोई नही रोक सकता है ! आज हम आप को एक इसी ही कहानी बताते है !
एक बार एक राजा था !उसका नाम  देव दत्ता था ! उसके पड़ोस में दूसरा राजा था जिसका नाम दीवान सिंह था ! दीवान सिंह एक आत्याचारी राजा था ! एक बार उसने देव दत्ता के राज्य पर हमला कर दिया और उसमे देव दत्ता की हार हो गयी देव दत्ता अपनी जान बचाकर भाग गया ! दीवान सिंह उसकी प्रजा पर आत्याचार करता  था ! देव दत्ता भेष बदल कर अपने राज्य में आता था तो अपनी  प्रजा पर होते आत्याचार उसे पर देखे  नही जाते  थे उसने अपनी सेना एकत्रित कर के दीवान सिंह पर हमला बोल दिया परन्तु दीवान सिंह की सेना मजबूत सेना थी देव दत्ता की ताकत के मुकाबले दीवान की सेना ज्यादा बड़ी थी ! लेकिन देव दत्ता ने हिम्मत नही हारी उसने फिर एक बार दीवान पर हमला कर दिया लेकिन परिणाम वही रहा ! और इस बार तो देव दत्ता की सेना भी आधी से ज्यादा खत्म हो गयी अब तो देव दत्ता को अपनी जान बचने के लिए जंगलो में छिपना पड़ रहा था ! एक दिन देव दत्ता जान बचाने के लिए एक गुफा में छिपकर लेट रहा था ! अचानक उस की निगाह एक चीटी पर पड़ी ! उसने देखा की चीटी बार - बार चढ़ती है परन्तु हर बार वह फिसल जाती है और निचे गिर जाती है लेकिन चीटी हिम्मत नही हारती है फिर कोशिश करती है लेकिन वह फिर गिर जाती है ! इस प्रकार से वह करीब 16 बार कोशिश की  है लेकिन हर बार की भांति वह गिर जाती है ! लेकिन चीटी ने फिर एक बार कोशिश की इस बार उसको सफलता मिल गई और वह ऊपर जाने में सफल हो चुकी थी लेकिन वह देव दत्ता को भी एक शिक्षा दे गई ! देव दत्ता उसी समय उठा और अपनी सेना दुबारा से संगठित करने लगा और इस बार उसने अपनी प्रजा से भी समर्थन मांगा तो प्रजा भी राजी हो गई ! जब देव दत्ता ने दीवान पर हमला किया तो इस बार बाहर से तो हमला हुआ ही भीतर से भी प्रजा ने भी उस पर हमला बोल दिया और दीवान की हार हुई ! इस कहानी से हमको यही ज्ञान मिलता है की कोशिश करने वालो की हार नही होती
आज हमारे सामने जीते जागते उदारहण है नाथू सिंह ! अगर नाथू सिंह भी अपनी गरीबी से हार कर बैठ जाते तो क्या आज Carodapati Cricketer कहलाते क्या  उनको यह मुकाम मिल पाता जिस मुकाम पर आज वो है ! हो सकता है कभी कभी हमको भी  अपने मन के अनुसार परिणाम नही मिलते है परन्तु इसका मतलब यह नही होता हो की हम थक हार कर बैठ जाये !
अभी कुछ दिनों पहले एक हिंदी फिल्म आई थी  मांझी : द माउन्टेन मैन ! यह फिल्म जिनकी ऊपर है,  वह  बिहार के एक अत्यंत गरीब व्यक्ति थे ! इन्होने अकेले ही 360 फुट  लम्बी 30 फुट चौड़ी और २५ फुट उचें पहाड़ को काट उस पर रास्ता बनया दिया १ जिसको बनाने में उनको पुरे 22 साल लगे लेकिन अपनी धुन और मेहनत से यह सब पूरा हो पाया था !
हमारे साथ भी यही होता परन्तु आज कल हम बिना  मेहनत के सब कुछ हासील करना चाहते है ! अपने गावों में एक कह्वात है की कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है ! और फिर अपने यह पर तो आपको प्रेरित करने वाली कथन बहुत मिल जांएगे बस आपको उनका सही मतलब निकलना है ! कहते है न की 12 -13 साल में तो कूड़े के भी दिन फिरते है ! इसलिए हमको इस Cricket player के जीवन से भी कुछ सीख लेनी चाहिए !
अगर आपके पास भी है कोई सफलता की कहानी तो हमको मेल कर हम उसको अपने पेज पर लिख कर दुनिया को बताएँगे 
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