कैसे बदल दी जिंदगी एक होनहार छात्र की आरक्षण ने ! क्यों मजबूर होकर देश छोड़ने की बात कह रहा है

           क्यों छोड़ना चाहता है देश एक होनहार छात्र उसकी कहानी 

                           सुनकर चौंक जाओगे वजह जानकार 

आज देश में प्रतिभा की कोई कमी नही आज भी हमारे देश के स्टूडेंट्स के अन्दर इतना हुनर है की दुनिया को बदल कर रख सकते है ! आकंडे बताते है की दुनिया के ज्यादातर हिस्से में भारतीय छात्रो का ही बोलबाला है ! दुनिया के कई कंपनी में भारतीय छात्र  प्रतिभा की हिस्सेदारी करीब 25% से लेकर 40% तक है यह स्थिति खुद वयां करती है की हमारे छात्रो के  अन्दर कितना हुनर है ! 

आज हमारे देश में बहुत कुछ बदल रहा है ! भारत के प्रधान मंत्री जी ने भी देश के अन्दर ही निर्माण करने के लिए " मेक इन इंडिया " नाम से एक कार्यक्रम चला रखा है ! जिसमे भी नयी प्रतिभा , होनहार छात्रो को मौका मिल भी रहा है , और होनहार छात्र मौके का फायदा उठाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी कर रहे है ! लेकिन आज हम आपको एक ऐसे होनाहर छात्र का दर्द वयां कर रहे है जो एक टॉपर से ज्यादा अंक हासिल करता है परन्तु फिर भी नकार दिया जाता है ! 
gajab ki duniya
tina dabi gajab ki duniya 

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ankit 

  • आरक्षण के परिणाम
आरक्षण आज हमारे देश में हिंसक रूप तो ले ही रही है ! आज आरक्षण के कारण हम अपनी प्रतिभा से भी हाथ धोने वाली स्थिति में आ गए है ! आज होनहार छात्र आरक्षण के कारण अपना जीवन बर्बाद होते देख देश छोड़कर विदेश में जाकर विदेशी जमीन पर अपने हुनर का लोहा मनवा रहे है और हमारे देश में उनकी प्रतिभा का फायदा नही मिल पा रहा है ! प्रधान मंत्री जी कहा था की अगला google जैसी कंपनी कोई भारतीय बनाये ! लेकिन आरक्षण के कारण हमारी होनहार प्रतिभा मजबूर होकर विदेशी कम्पनी के लिए कार्य कर रहे है ! आज कितनी ही docter, MBA स्टूडेंट , Engineer, aur ना जाने कितने ही और फील्ड जिनमे भारतीय प्रतिभा लगी हुई है !
  • होनहार छात्र का दर्द 
आरक्षण से पीड़ित एक ऐसे होनहार छात्र का दर्द से भरी कहानी हम आपको सुनते है जिसकी कहानी सुनकर शायद आपका भी मन गुस्से से भर जाये ! (हमारा उद्देश्य किसी भी प्रतिभा पर लांछन लगाना नही ना ही उसका विरोध है करना परन्तु किसी दूसरी प्रतिभा का हक़ मार कर कोई कैसे अपने लिए रास्ता बना सकता है ! हमारा isake पीछे सिर्फ एक ही मकसद है की आरक्षण प्रतिभाओ तरसने का होना चाहिए ना की उनको मिटाने के लिए  )
हम बात कर रहे है अभी आये upsc के परिणाम के बारे में जिनका Result में हमको एक बात देखने को मिल ! upsc के Result में इस बार की टॉपर टीना डाबी के बारे में है,  इन्होने  अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त कर एक इतिहास रच दिया है ! आज के समय के लड़की होने कारण सब इनकी मेहनत को सलाम कर रहे है ! हम भी इनकी इस मेहनत पर उनको बधाई देते है परन्तु जब आप दूसरी तरफ देखो के तो आपको बहुत ही अचम्भा  होगा की यह कैसा परिणाम है ! 
हम आपको यही समझाने का प्रयास कर रहे है ! इसमे हम आपको उस छात्र की जुबानी ही समझाने की कोशिश करते है जिन्होंने अपना दर्द सोशील मीडिया पर व्यक्त किया है ! आज उनके बारे सुन कर आपको भी उनकी यह आवाज सच में कुछ सोचने को मजबूर कर देगी 
हमने यंहा  पर आपको उस छात्र मिले Mark और टीना डाबी को मिले Mark की कॉपी देखकर समझाने का प्रयास कर रहे है !

आगे की कहानी आप टॉपर टीना डाबी से ज्यादा Marks पाने वाले छात्र से सुने .......... 

अभी अभी पढाई करते करते मन हुआ की किताबो में आग लगा दूँ और अपने परिवार सहित इस अन्दर तक सड चुके देश को छोड़ कर हमेशा हमेशा के लिए विदेश भाग जाऊ और वंही सुकून से नौकरी करू ! अचानक ऐसे ख्याल आने के कारन पढाई से मन उचटना या बोर हो जाना कतई नही था , दरसल अभी यूँ ही बैठे बैठे UPSC की वेबसाइट पर अपने पिछले साल के असफल प्रयास की मार्कशीट निहार रहा था ,,,,,, तो मन तभी जाने यह ख्याल आया की लाओ इस बर्ष की टॉपर टीना डाबी की मार्कशीट भी देखि जाये ! बस फिर क्या था फ़टाफ़ट रोल नंबर gogle किया और मैडम की भी मार्कशीट खोल डाली और उसके बाद मैडम का csp 2015 स्कोर है 96.66 और मेरा अर्थात अंकित श्रीवास्तव का स्कोर है 103.5 इतना ही नही पेपर -2 में मेरे 127.5 Marks है और माननीय टॉपर महोदया के 98.7 (दोनों की मार्कशीट का स्क्रीन शॉट देख ले  और उसे UPSC की वेबसाइट पर जाकर रोल नंबर की Help से check कर ले ) अर्थात  मैंने csp-2015 में टॉपर से 35 अंक ज्यादा प्राप्त किये ! आरक्षण - व्यस्था की महिमा कितनी चमत्कारिक है , सच्चे अर्थो मै आज इसका एह्सास हुआ ! याद रहे की ऐसा भी बिलकुल नही है टीना डाबी समाज के वंचित तबके से सम्बन्ध रखती है ! उनके माता पिता दोनों इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी रहे है और वह भी हम जैसो के तरह एक खाते पिते सम्पन्न मध्यम वर्ग से आती है ? ऐसे में बड़ा प्रशन यह उठता क्या इसी प्रकार के सामजिक न्याय की अवधारणा पर इस देश का निर्माण हुआ है ? मै अपनी संभावनाओं में जरुरी सुधर कर आईएस बन संकू या नही पर क्या हमारी दिशा और दशा सही है ? क्या हमारी वर्तमान चयन प्रक्रियाए आज सर्वश्रेष्ठ को चुनने की ताकत रखती है ? टीना डाबी सिर्फ एक उदारहण है , उन्होंने जो किया है उसके लिए उनके प्रयास की जीतनी प्रशंसा की जाए वो निःसंदेह कम है , यहाँ उद्देश्य उन्हें या उनकी उप्लाब्दियों को कमतर आंकना कटाई नही है , और ना ही अपनी कुंठा तुष्ट करना है ! परन्तु एक प्रश्न यह भी निःसंदेह उतना ही महत्वपूर्ण है की मेरे जैसे सैकड़ों निहायत ही क्षमतावान और समर्पित नौजवान , जो अपनी बड़ी बड़ी नौकरियां ठुकरा कर अपने जीवन के सबसे महतवपूर्ण दिनों के रोज 12- 14 घंटे सिर्फ पढाई करते है वो आज किसके द्वारा किये गए अन्यायों का दंश झेल रहे है ? क्या आरक्षण व्यवस्था का पुनरवलोकन करने और उसे वर्तमान जातिगत व्यवस्था से अलग कर वास्तविक आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन से सम्बद्ध करने का राजनैतिक साहस किसी में नही है ? दुखद हमसे ज्यादा इस देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है ये स्थिति ! 
अंकित श्रीवास्तव 
यह सब अंकित के सोशल मीडिया पर से लिया गया है 

हमारा इसके पीछे यही मकसद है की अगर इसमे सच्चाई है तो एक बार फिर आरक्षण के बारे में सोचन अचहिये की आज जिसको आरक्षण की जरुरत है क्या उसको इसका फायदा मिल रहा है यह फिर उन्ही पूजीपति को मिल रहा है जो सिर्फ जाति में धनि है ! बाबा साहब के आरक्षण का समुचित लाभ गरीब व्यक्ति को देना था मगर कुछ तथाकतित लोगो के द्वारा इसको सिर्फ जातिगत भावना से जोड़ कर देखा गया और इसका लाभ पैसे वालो ने ही उठाया 
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