मेहनत की कहानी जो हमको जीना सिखाती है
मेहनत का सबक |
जिंदगी के कठिन समस्या का समाधान कैसे करे
जीवन का अंतिम लक्ष्य ख़ुशी कैसे प्राप्त करे
बिना मेहनत के वस्तु कैसे मिलती है
आपने देखा होगा की कुछ लोग बिना काम के घूमते रहते है उनके पास कुछ भी काम नही होता है ! उनके पास अच्छी खासी गाड़ी होती है , बहुत ही अच्छे कपडे होते है , और देखने में तो वह इस तरह से दिखाई देंगे की जैसे की वह कोई स्टडी कर रहे है मगर जब आप उनके ज्ञान का परिक्षण करोगे तो उनको कितनी ज्ञान है यह आपको पट चल जाएगा ! अब आप सोच रहे होने की भला यह क्या बात हुई , यह तो हमा टॉपिक नही है फिर हम क्यों इस पर बात कर रहे है ,मै आपको इस बात से यह बताना चाहता हूँ की अक्सर कुछ लोग बिना मेहनत किये भी बहुत कुछ करते हुए दिखाई देते है परन्तु वे ज्यादातर नाकारापन के शिकार लोग होते है और उनके पास जो भी वस्तु है वह सब उनकी मेहनत की नही उनके घर वालो की मेहनत की है जो सिर्फ जीवन को बिता रहे ना की जीवन को जी रहे है जो मेहनत उनके घर वालो ने की उसको यह लोग ख़त्म कर रहे है , अगर एक क्षण भी यह सोचे की उनके घर वाले की स्थिति में , कितनी मेहनत कर के यह सब संसाधन जुटे है तो शायद उनकी आँखे खुली की खुली रह जाएगी !
लेकिन जब हमको बिना मेहनत के कुछ मिल जाता है और हमारी आदत बिना मेहनत कर हासिल करने की हो जाती है तो फिर हमको आगे चल कर इसके कुछ बुरे परिणाम भी देखने को मिलते है
मेहनत का फल मीठा कैसे होता है
दोस्तों अपने यह कहावत तो जरुर सुनी होगी की मेहनत का फल मीठा होता है लेकिन वाकई मेहनत का फल मीठा होता है इसकी साबित करने के लिए मै आपको एक कहानी बताता हूँ जो शायद आपने सुनी भी होगीतो कहानी इस प्रकार से है की एक सेठ था उसके पास धन दौलत भगवान की कृपा से बहुत थी उनका परिवार संपन्न था उनके परिवार में उनके आलावा उनकी पत्नी थी जी को बहुत ही समझदार थी और घर परिवार को वह बहुत सावधानी से संभल रही थी एक उनके लड़की थी जो की पढ़ने में भी होशियार थी सुशील थी , उससे छोटा उसका एक भाई था जो सभी का लाडला था सभी उसको बहुत प्यार करते थे , वह लड़का धीरे बड़ा होता जा रहा था तो उसमे कुछ आदते ख़राब होती जा रही थी उस से कोई भी कार्य करने की कहो तो वह सबसे पहले उस काम की मना ही कर देता था चाहे वह काम कितना भी सरल क्यों ना ( जैसा अक्सर हम भी करते है ) तो उसके घर वाले उस से ज्यादा कुछ नही कहते थे क्योकि लाडला जो था लेकिन उसके पिता को उसकी यह चिंता सताने लगी की यह जब मेरे व्यापर को कैसे संभालेगा तो उसने एक दिन उस से बात करने की सोची की उसको समझाने से शायद उसके दिमाग में बात सही लग जाए !
कुछ दिनों के बाद जब सभी घर पर खाना रहे तो खाना खाने के बाद सेठ अपने लड़के से बोला की बेटा की तुम दिन भर घर पर ही रहते हो या फिर अपने दोस्तों के साथ घुमने , आवारा घुमने के अलावा भी कुछ करते नही क्या इसी प्रकार से तुम्हारी जिनदगी कट जायेगी ! लड़के के जवानी के जोश में जबाब दिया ( जैसे सभी देते है शायद हमने भी दिया हो ) की पिता जी मै तो काम के लिए ही घूमता हूँ लेकिन मेरे लायक कोई भी काम मिलता ही नही और फिर मेरी उम्र अभी काम है तोऔर फिर मै अहि अपनी पढाई तो पूरी कर लू , और फिर आपके व्यापर भी तो है इसको मै भी कर सकता हूँ ! लेकिन उसके बाप ने कहा की आज के समय में पैसे कमाना बहुत ही सरल है लेकिन कठिन है तो उसको उपयोग करना और जब हमको बिना मेहनत के कुछ भी मिल जाएगा तो हम उसकी चिंता नही करंगे तो वह धीरे धीरे नष्ट हो जाएगी !
लेकिन सेठ का लड़का उनके बात को अनसुना कर गया और फिर लग गया अपनी धुन में लेकिन सेठ चिंतित थे ! कुछ समय के बाद लड़के को अपने स्कूल के काम से पैसे की जरुरत हुई तो उसने अपने पिता से मांगे उसके पिता बोला की इतने पैसे की क्या जरुरत है यह सब तो थोड़े से पैसे में भी हो सकता है लेकिन वह लड़का नही माना तो सेठ ने उससे गुस्से से कहा की पहले तुम मुझे 10 रुपये भी अपनी मेहनत से कमा कर दिखा दो तो मै तुझे पुरे पैसे दे दूंगा तो लडके ने कहा ठीक कल ही कमा कर दे दूंगा !
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अब अगले दिन लड़का तो सब कुछ बुल कर अपने रोजाना की तरह खेलने और घुमने ही मस्त हो गया लेकिन जब शाम को वह अपने दोस्ते के पास से घर आ रहा तो उसको अचानक याद आया की पिता जी ने पैसे कमा ने के लिए कहा था तो उसने तो कुछ भी नही कमाया है तो फिर अपने पिता जी को क्या जबाब दूंगा , यह सोचते हुए जब घर पहुंचा तो उसको अपनी नजर आई तो वह अपनी माँ के पास जाकर बोला की पिताजी ने पैसे कमाने केलिए कहा तो मै तो एक भी नही कमा कर नही लाया हूँ तो उसकी माँ बोली कोई बात नही बेटा यह ले 10 रुपये इनको अपने पिता को दे देना ! जब रात को सेठ अपने व्यापर से घर पर आया तो बेटा ने सबसे पहले जाकर अपने पिता को 10 हाथ में थमा दिए तो उसके पिता ने उस 10 के रुपये को देख अपने बेटे से कहा की जा इसको कुआ में डाल आया तो वह लड़का 10 रुपये कुआ में डाल आया ! और उसके बाद उसके पिता ने कहा की अगले दिन और कमा कर ला तो उसने कहा ठीक है !
अगले दिन फिर उस लडके दिन भर कुछ नही किया और शाम को अपने बड़ी बहन से 10 रुपये लिये और अपने पिता को दे दिए लेकिन उसके पिता ने उसको भी कुँए में डालने को कह कर अगले दिन फिर 10 रुपये कमाने की तो जब अगले दिन लड़का जागा तो उसको यह चिंता होने लगी की आज किस से पैसे लूंगा तो उसने सोचा चलो आज कुछ कमाने की कोशिश की जा तो उसने घूमते घूमते रेलवे स्टेशन पहुँच गया तो उसने इधर उधर निगाह डाली तो उसको कोई भी काम नजर नही आया लेकिन तभी एक ट्रेन आकर रुकी तो उसमे से एक यात्री ने उसके स्टेशन के पास खडा देखकर उससे बोला की क्या तुम सामान उठाने वाले हो तो उसने कहा हां मै आपका सामान उठा लूंगा उस यात्री ने कहा ठीक है मै तुझको 50 पैसे दूंगा तो लड़के न कहा ठीक तो उस यात्री उसको अपना सामान दे दिया उस लड़के ने उसको सामान अपने सर पर रख लिया तो दोनों चल दिए लडके ने कभी अपनों घर में कोई भी मेहनत का काम नही किया तो उसको थोड़ी देर ही बाद तकलीफ होने लगी उसकी गर्दन अकड़ने लगी , गर्दन में दर्द होने लगा उसको पसीने में नहाने में कुछ देर ही लगी की वह पूरा पसीने में भीग गया था , धीरे धीरे लेकिन उस लडके ने उस यात्री का सामान उसके ठिकाने पर पंहुचा दिया था उसके बाद उस लड़को को यात्री ने 50 पैसे दे दिए और फिर लड़का की हिम्मत इतनी नही रही की वह और पैसे कमाने की भी सोचे उसके बाद लड़का सीधा अपने घर पहुँच तो लड़के ने जब अपने पिता को देखा तो 50 पैसे लड़के ने पिता के हाथ में दिए तो सेठ ने पहले की भाती उस से कहा की कुए में फैंक दे तो अपने पिता का यह वाकया सुन कर लड़का लाल पिला हो गया , और अपने पिता से बोला की आपको पता है इस 50 पैसे को कमाने में मैंने कितना दर्द और तकलीफ झेली है , आज मैंने जब सामान उठा तब जाकर यह पैसे मिले है और आप कह रहो की इसको कुए में फैक आओ मेरी मेहनत की कमाई है मै नही फैकुंगा
य्सके पिता ने जब यह बात सुनी तो उसने अपने बेटे से कहा की जब तुम 10 रुपये दे रहे थे तो उसको फैकते समय तो तुमने कभी कुछ नही कहा तो आज क्यों उसने बताया की वह मेरी कमाई के नही थे ! आज मुझे पता चला है मेहनत से की गयी चीज़ की कितनी क़द्र होती है
दोस्तों इस प्रकार से हम सब को भी अहसाह होना चाहिए की मेहनत का फल सच में मीठा होता हो हमको मेहनत करने पीछा नही हटना चाहिए ! बिना मेहनत के कुछ भी चीज का उपयोग चोरी करने के बराबर है
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