मेरा भारत महान ! जाने आजदी के बाद भारत को क्या हम सिर्फ देश भक्ति की पोयम्स में रहते है देश भक्त ?
दोस्तों आजकल हम सभी जब भी कुछ करते है या थोड़ी सी ज्यादा मेहनत करते है तो आपने अपने बड़े बुजर्गों को यह कहते सुना होगा की हमेशा मेहनत का फल मीठा होता है ! उसी प्रकार मेरा भारत महान कहने वाले भी जो सिर्फ कहते है लेकिन काम इसका उल्टा ही करते है ! जाने आजादी के बाद भारत में आजादी का कितना अपमान हम कर रहे है ! क्या सच में हमारी देश भक्ति की भावना सिर्फ पोयम्स, या कविता में ही रह गयी है जाने आसली आजादी का मतलब को
ऐसा क्यों कहा जाया है आपने कभी सोचा है ? क्या वास्तव में मेहनत का फल मीठा होता है ! आज हर कोई बिना मेहनत करे ही सफलता पाना चाहता है , दूसरो की सफलता को देख कर के हर इन्सान उस जैसा मुकाम तो हासिल करना चाहता है लेकिन मेहनत कोई और करे ! तो हम कह रहे थे की मेहनत का फल मीठा कैसे होता है !
दोस्तो आपक ज्यादा समय ना लेते हूँ हम अपने टॉपिक पर आते है की मेहनत का फल मीठा कैसे होता है ? यह भी पढ़े
आरक्षण से कैसे तबाह होती है जिंदगी
आज शिक्षा क्यों बन गयी है मजाक ! कैसे इस शिक्षा से देश तरक्की करेगा
जब किसी इन्सान को कोई भी वस्तु बिना मेहनत परिश्रम के मिलती है तो वह उसकी क़द्र नही करता है ! यह पूरी तरह से सत्य है ! आज अपने यह महसूस भी किया होगा की हो सकता है मै जो बात कहना चाहता हूँ उस बात को आपने भी किया हो , आज दुनिया बदल रही है दुनिया में हर कोई तरक्की की राह पर चलने की कोशिश कर रहे है , एक इन्सान दुसरे इन्सान से आगे निकालने की कोशिश कर रहे है ! अपने रहने सहने के ढंग ,घर - मकान, अपना व्यापर आदि को आगे बढ़ने का कार्य कर रहे है परन्तु क्या हमने एक बार भी कभी एक मिनट यह सोचा है की आज जो आजादी हमको मिली है हम उसकी कितनी क़द्र कर रहे है ! हम से आज कितने ऐसे इन्सान है जिन्होंने आजादी के संघर्ष को नजदीक से देखा है शायद अब तो नाम मात्र के ही मिलेंगे और मिलेंगे तो यह वो लोग होंगे जिन्होंने शायद आजादी के संघर्ष में भाग ना लिया हो , तो रह जाते है वे लोग जिन्होंने आजादी के लिए कुछ भी नही किया और आजादी हम को मिल गई !
अब जब हमने आजादी के लिए कुछ भी नही किया तो फिर भला हम कैसे उसकी क़द्र कर सकते है ! अगर कोई यह कहे की हम भला आजादी की क़द्र कैसे नही कर रहे है तो क्या हम सोचा है की इस आजादी को पाने में जिन्होंने अपनी जिंदगी लगाईं उन्होंने आजादी के बाद क्या करना है यह सोचा ! आज हम सही अर्थो में अपनी आजादी की क़द्र नही कर रहे है ! अगर हम आजादी की क़द्र कर रहे होते तो आज भी हमारे देश में गरीब इन्सान को दो वक्त की रोटी के लिए अपना खून पसीना एक करना पड़ रहा है ! और अब तो दो वक्त की रोटी छोडो आज पानी के लिए एक इन्सान दुसरे इन्सान के खून का प्यासा हो रहा है ! क्या हमारे शहीदों ने सिर्फ इसके लिए आजादी के लिए अपनी क़ुरबानी दी थी जब हम आजाद हो जायेंगे तो अपने हिस्से की आजादी को बड़े जतन से भोगेंगे चाहे इसके लिए हमको किसी के भी अरमानो को बलि क्यों न देनी पड़े ! क्या जब किसी नौजवान ने अपनी जीवन के उन रंगीन सपनो को छोड़ कर इस देश की आजादी के लिए अपने सभी सपनो को तिलांजलि दी थी तब उसने एक पल के लिए भी नही सोचा था की हम जिनके अच्छे भविष्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे रहे है वे लोग हमारे त्याग को कैसे धूमिल करने की कोशिश करेंगे शायद उन्होंने कल्पना भी नही की होगी ! मै कुछ बिन्दुओ के माध्यम से यह समझने की कोशिश करते है की कैसे हम अपनी आजादी का बेवजह उपयोग कर रहे है !
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हम अपनी आजादी का अपमान कैसे कर रहे है
जब हमको विदेशी सत्ता से आजादी मिली तब सभी के कुछ अरमान थे की जब हमारा देश आजाद होगा तो हम अपने देश को इस प्रकार से आगे बढ़ाएंगे की किसी को किसी प्रकार की कोई भी तकलीफ न हो , तो किसी ने यह सोचा होगा की जब हमारा वतन गुलामी की जंजीर तोड़ कर खुली हवा में साँस लेगा तब हम भी खुल इस नीले असमान में उड़न भर सकेंगे , तो किसी ने यह भी सोचा होगा की जब हमारा देश अपने ही लोगो के द्वारा चलाया जायेगा तब हम को किसी प्रकार की कोई समस्या नही होगी अगर हुई तो सबसे पहले हमारी समस्या पर ध्यान दिया जाएगा , तो किसी ने यह भी सोचा होगा की जब अपना देश आजाद होगा तो किसी को भी किसी प्रकार की कोई पाबंदी नही होगी कोई भी इन्सान मन में आएगा उस जगह पर जा सकता है , किसी ने यह भी सोचा होगा की जब देश आजाद होगा तब क्या अमीर क्या गरीब , क्या छोटा क्या बड़ा , सभी बराबर होंगे कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह जा सकेंगा
लेकिन क्या सच में ऐसा है , सोच और जबाब दो अगर इसमे से एक भी सवाल का जबाब नही में है तो समझो अपने अपनी आजादी का अपमान किया है
अभी कुछ दिनों पहले की खबर थी जिसको टीवी और अखबरो में भी जगह मिली की किसी महिला के पति के जन्मदिन के अवसर उस महिला ने गरीब बच्चो के साथ अपनी ख़ुशी को बाटना चाहा तो उसने उन बच्चो को लेकर दिल्ली के सागर नामक होटल में गए थे लेकिन हमारे आजाद देश में यह हुआ जो विदेशी लोग करते थे उस होटल ने उस महिला और उन बच्चो को कुछ भी नही दिया , और उनके साथ गलत व्यवहार भी किया था तो क्या यह अपनी आजादी का अपमान नही है !
हम अपनी आजादी का महत्व कैसे समझते
जब हम को कोई भी चीज बड़ी जतन से मिलती है तो हम उसको बहुत ही सुरक्षा से रखते है ! अगर हमारी इस पीढ़ी को उन शहीदों के कष्टों का थोडा सा हिस्सा भी दिया जाता तो शायद हम अपनी आजादी का महत्व समझते ! जिस प्रकार नौजवानों ने अपना सब कुछ नौछावर कर दिया अगर उसका कुछ यह पीढ़ी भी करती तो यानि की अगर यह पीढ़ी अपनी जावानी भी त्यागती तो भी हमको अपनी आजादी का महत्व समझते , जिस जीवन को सुखमय बनाने के लिए इस देश खून बहा गया हो जिस जीवन को गुलामी के चिन्ह से मुक्त करने के लिए अपने प्राणों को बलिदान किया गया हो उस जीवन को हम आज किस प्रकार नष्ट कर रहे इसको आप और हम अच्छी तरह से समझ रहे है ! आज का नौजवान सिर्फ अपने हाथो में शराब का जाम हो , मुंह के अन्दर सिगरेट का धुँआ हो , मन के अन्दर किसी की तस्वीर हो , अपने बदन पर सबसे अच्छे लिबास हो फिर चाहे किसी के खून से सनी लिबास हो, और उस लिबास के जेब में पैसे को गरमी हो यह है आजादी का मतलब हम किसी को भी अपमानित कर सके इतनी ताकत हो
इस से ज्यादा नही लिखा जाता है अगर मन हल्का हुआ और फिर कुछ सोच सका तो लिखूंगा
अगर मेरे इस लेख से किसी को कोई तकलीफ हुई हो तो मेरे उद्देश्य को समझने की कोशीश करे ! अगर किसी को मेरी यह बाते कुछ भी सोचने का सहास देती है तो मै आपसे यही कहूँगा की इसको शेयर करने की कोशिश करे ताकि और किसी को यह समझाने प्रयास रत रहे
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aajadi ki kahani |
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अब जब हमने आजादी के लिए कुछ भी नही किया तो फिर भला हम कैसे उसकी क़द्र कर सकते है ! अगर कोई यह कहे की हम भला आजादी की क़द्र कैसे नही कर रहे है तो क्या हम सोचा है की इस आजादी को पाने में जिन्होंने अपनी जिंदगी लगाईं उन्होंने आजादी के बाद क्या करना है यह सोचा ! आज हम सही अर्थो में अपनी आजादी की क़द्र नही कर रहे है ! अगर हम आजादी की क़द्र कर रहे होते तो आज भी हमारे देश में गरीब इन्सान को दो वक्त की रोटी के लिए अपना खून पसीना एक करना पड़ रहा है ! और अब तो दो वक्त की रोटी छोडो आज पानी के लिए एक इन्सान दुसरे इन्सान के खून का प्यासा हो रहा है ! क्या हमारे शहीदों ने सिर्फ इसके लिए आजादी के लिए अपनी क़ुरबानी दी थी जब हम आजाद हो जायेंगे तो अपने हिस्से की आजादी को बड़े जतन से भोगेंगे चाहे इसके लिए हमको किसी के भी अरमानो को बलि क्यों न देनी पड़े ! क्या जब किसी नौजवान ने अपनी जीवन के उन रंगीन सपनो को छोड़ कर इस देश की आजादी के लिए अपने सभी सपनो को तिलांजलि दी थी तब उसने एक पल के लिए भी नही सोचा था की हम जिनके अच्छे भविष्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे रहे है वे लोग हमारे त्याग को कैसे धूमिल करने की कोशिश करेंगे शायद उन्होंने कल्पना भी नही की होगी ! मै कुछ बिन्दुओ के माध्यम से यह समझने की कोशिश करते है की कैसे हम अपनी आजादी का बेवजह उपयोग कर रहे है !
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लेकिन क्या सच में ऐसा है , सोच और जबाब दो अगर इसमे से एक भी सवाल का जबाब नही में है तो समझो अपने अपनी आजादी का अपमान किया है
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