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Tuesday 3 January 2017

गजब जानकरी देश की फर्स्ट महिला टीचर सावित्रीबाई फुले को

गजब जानकरी  देश की फर्स्ट महिला टीचर माँ सावित्रीबाई फुले को 


दोस्तों गजब की दुनिया में आज हम आपको एक इसे सफ़र के हमसफ़र बनाने वाले है जिसकी इनफार्मेशन आपको गर्व से भर देगी ! हम आपको देश की गजब जानकारी  फर्स्ट महिला टीचर सावित्रीबाई फुले के बारे में बताने वाले है की क्यों गूगल ने डूडल बनाकर इस महिला को सम्मान दिया जिसको आपने ही देश में वह सम्मान नही मिला जिसकी वह हकदार थी ! हम इस आर्टिकल से किसी सरकार को दोषी बताने की कोशिश नही कर रहे है, ना ही हम किसी जाति विशेष का होने का आरोप लगाने की कोशिश कर रहे है हम सिर्फ आपको उस gajab jaankari  first mahila teacher savitribai phule के बारे में वह जानकरी देने की कोशिश कर रहे है जिसका सम्मान दुनिया तो मानती  है लेकिन ना जाने वह कौन सी मज़बूरी रही है की हम उस इन्सान को वह सम्मन क्यों नही दे सके जिसका वह हक़दार है ! आज उनकी जयंती है इसलिए गूगल ने भी उनको सम्मान देते हुए अपने होम पेज पर उनका डूडल बनाकर उनको सम्मान दिया है !
 लेकिन क्या हमारे समाज ने उनको वह सामान दिया जिसकी वह हकदार थी आज भी लोग अपने महापुरुषों को जाति के चश्मों से देखते है इसलिए शायद गजब जानकारी  माँ सावित्रीबाई फुले को वह सम्मान नही मिल सका, जबकी कोई छोटा सा इन्सान भी कोई अपने गली मौहल्ले में कोई सामाजिक कार्य कर देता है तो उसको सम्मान दिया जाता है, उसकी चर्चा आजकल तो टीवी में चलने लग जाती है ! हम किसी के सम्मान के खिलाफ नही है ना ही हम यह कह रहे है की किसी को सम्मान क्यों दिया गया है हम तो सिर्फ अपने देश में इस बात पर चर्चा चाहते है की माँ सावित्रीबाई फुले जो की देश की फर्स्ट महिला टीचर है वह टीचर उस टाइम के इंडिया में बनी है जिस टाइम देश के अन्दर महिला को शिक्षा देना बहुत ही नफरत से भरा कार्य समझा जाता था अगर कोई महिला शिक्षा के बारे में सोचे तो उस समय के सामजिक देकेदार उस महिला के साथ नफ़रत से व्यवहार करते थे थे उस टाइम में महिला को सिर्फ अपने पैर की जूती से भी कम इज्जत रखते थे ! 
लेकिन यह मानसिकता उस समय के उन पुरूषों की ही थी जो सिर्फ दिन के उजाले में सफेदी रखते थे लेकिन रात के अंधार की तरह मन के काले थे ! 
इसलिए  उस महिला का जीवन ही इस देश में सामजिक बुराई के खिलाफ लड़ते हुए ही प्राण चले गए हो ! उस महिला को भारत रत्न जैसे सम्मान मिलाना ही चाहिए ! सचिन,रेखा,आदि नामचीन हस्ती को यह सम्मान अभी कुछ समय पहले दिया गया है , हमको भी गर्व है की सचिन भारत के गौरव लेकिन सचिन या रेखा का कौन सा कार्य है जिसने इस देश की दिशा ही बदल दी जब हम सिर्फ खेले भर पर हमको सम्मान मिलाता है,
 तो जिस कार्य से सम्पूर्ण जीवन में बदलाब आ जाये और उस कार्य से देश में एक नयी सामजिक सरचना का निर्माण हो जाये तो उस कार्य को अंजाम देने वाले को इन्सान को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए !हम  सावित्रीबाई फुले ने जो भी सामजिक सुधार के लिए आपना जीवन लगा तो उसके पीछे उनको कोई सम्मान का उद्देश्य नही था और ना ही उनके कार्य किसी भी सम्मान के मुहताज है लेकिन क्या हमारी स्थिति नही है की हमको उनको यह सम्मान दे सके जिसकी बदौलत हमारी आने वाली पीढ़ी इनके बारे में सही ढंग से जान सके की यह महिला भी भारत रत्न है ! 

जाने क्यों दिया गूगल ने डूडल से सम्मान देश की फर्स्ट महिला टीचर सावित्रीबाई फुले को 

दोस्तों  जैसा की  हम सब को यह जानकरी तो है की आज  दिन अपने देश भारत में  महान  सामजिक सुधारक के रूप में जाने वाली महिला गजब जानकारी देश की फर्स्ट महिला टीचर माँ सावित्रीबाई फुले की जयंती है ! माँ फुले बहुत ही संघर्ष में अपने दिन गुजर उसके बाद भी उन्होंने अपने सामजिक कार्य को नही छोड़ा जैसा की इतिहास के पन्ने से निकल कर उनके बारे में मिलता है तो उस रूप की कल्पना कर के ही मन में एक डर से पैदा हो जाता है ! जिस टाइम भारत में यह प्रथा और पाखंड ने अपने पैर जमा लिए थे , उस समय में अगर किसी नीची जाति के इन्सान ( नीची यानि की कुछ तथाकित इंसानों के द्वारा विभाजित श्रेणी जिसमे अपने को श्रेष्ठता देना ) को शिक्षा , मान , सोच , विचार की आजादी नही थी और अगर किसी ने गलती से कोई ज्ञान की बात सुन ली या शिक्षा लेने की सोची तो उसके कानो में गरम शीशा डाल दिया जाता था और महिलाओ की स्थिति तो इस से भी बदतर थी , उस वक्त के माहौल में कोई महिला इन सब के खिलाफ ही नही थी वरन उनके खिलाफ कार्य भी किया और उस कार्य को अंजाम भी दिया उनके के लिए उनका साथ दिया उनके पति महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले ने जिनकी बदौलत ही गजब जानकरी फर्स्ट टीचर  माँ सावित्रीबाई फुले  के अन्दर यह भाव जागृत हुए !

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