बेस्ट भारतीय रीति रिवाज जो विश्व की जरुरत है !
आज के समय भारत प्राचीन परम्परा आज भी विश्व की जरुरत बनी हुए है देश में होने को तो बहुत सारी रीति रिवाज है परन्तु हम आपको यंहा कुछ रीति रिवाजो के गर्व करने लायक जानकारी आपको दे रहे है जो अक्सर करके हमारे देश के प्रत्येक घर समाज में उपयोग में लायी जाती है और जिसका आप वैज्ञानिकता से यूज़ देख सकते है
1 - तिलक
जैसा की आप सभी जानते है की भारतीय परिवेश में तिलक का बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल होता था आजकल तो कम होगा है क्योकि आज इसको सिर्फ किसी पंडित से इसको जोड़ कर रख दिया गया है परन्तु वैदिक कल में इसका इस्तमाल वे सभी इंसान कर सकते थे जिनका रुझान ज्ञान की तरफ होता था
आज हम तो अपनी परम्पराए को छोड़ते जा रहे जो वैज्ञानिक आधार खाड़ी की गयी थी लेकिन हम उन परम्पराओ को आज बिना सोचे इस्तमाल किये जा रहे है जिनका न तो इस देश की संस्कृति से कोई लगाव है न इस भारत देश की जन जीवन में मिली हुई रीति रिवाज है
अब आपको तिलक लगाने की वैज्ञानिक कारण बताते है
जैसा की आप जानते तिलक आँखों के बीच में जिस हम माथा,ललाट आदि नामो से जानते
जंहा पर तिलक लगा जाता है तो वैज्ञानिक तर्क है आँखों के बीच से माथे तक एक नस जाती है जिस पर तिलक लगाने उस जगह की उर्जा बनी रहती है और फिर जब हम उस जगह उंगली से दबाब डालते है तो उस पर जो दबाब लगता है तो उस से रक्त संचार अच्छी तरह से होता और चहरे की कोशिकाए स्वस्थ रहती है
2 - बैठकर जल पीना
भारतीय रीति रिवाजो में शायद कोई भी इसी बात नही होगी जिसको आप कोई वैज्ञानिकता पर नही रख सकते है जैसे की जल पीना भारतीय सभ्यता में खड़े हो कर लेटकर या चलते हुए जल पीना निषेध है
भारतीय सभ्यता में जल को सिर्फ आप बैठकर ही पी सकते हो लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध में हम आज बोतल, फ्रीज़ आदि का पानी खड़े होकर लेटर पी रहे जो हमको गंभीर बीमारी जैसे घुटनों में दर्द आदि रोग दे सकते है और जिसको शायद को भी व्यक्ति ठीक नही कर सकता है
3 - उत्तर दिशा की तरफ पैर कर के सोना :-
जैसा अमूमन देकने को यही आता है की जब सो रहे होते है तो हम इस बात का बिलकुल भी ध्यान नही रखते है हमने अपना सर किस दिशा में कर के सो रहे इसका हमे कोई दुष्प्रभाव भी पडेगा ! लेकिन हम आपको बताते है की सोते समय हमारा सर दक्षिण दिशा या पूर्वी दिशा की तरफ ही होना चाहिए क्यों ?
इसका जबाब है यह है की आप सभी जानते है उत्तर दिशा में सर रखकर सोने से हम चुम्बकीय तरंगो की सीध में आ जाता है और जिसके कारण हमारे शरीर में मौजूद आयरन (लौह तत्व) दिमाग की तरफ हो ने लगता है जिसके कारण हमको दिमागी बीमारी हो सकती है ,
4 - खाने के बाद मीठा खाना
हम जब भी खाना खाते है तो हमारे भोजन में कुछ तीखा होता है ! और फिर आजकल तो मसालेदार भोजन पसंद किया जाता है ! लेकिन आपने कभी इस बात पर ध्यान नही दिया होगा की खाने के बाद मीठा खाना चाहिए क्योकि जब हम तीखा ,मसालेदार खाना खाते है तो हमारे पेट के अन्दर उस तीखेपन,मसालेदार के कारण एसिड बन जाती है जिसके कारण हमको परेशानी होती है तो मीठा कहने से वह परेशानि नही होती है इसलिए भारतीय भोजन में खाने के बाद मीठा खाने का रिवाज है !
5 - शादी में हल्दी लगाना
अपने देखा होगा की जब किसी भी लड़की , लडके की शादी होती है , तो लडके और लड़की के पूरी शारीर पर हल्दी लगाने की रस्म भी निभाई जाती है ! जो लोग दिखावटी आधुनिक सोच रखते है वे तो इस परम्परा से भ्चाने की कोशिश करते है ! और अपनी शादी या जानकर की शादी में लडके , लड़की को आज कल केमिकल से युक्त पदार्थ से अपने शारीर को भर लेते है ! लेकिन हम लोग यह नही सोचते है की हल्दी क्यों लगाई जाती है ! इस वजह यह है की जब कोई भी लड़का या लड़की की शादी होती है तो उसका शारीर की चमक बढ़ जाये और उसके शारीर में किसी भी प्रकार का कोई भी जीवाणु ना रहे क्योकि अब एक दुसरे के शारीर में होने वाले बदलाव से हमको बचाया जा सके
5 - जमीं पर बैठकर भोजन करना
हम जब भी जमीं पर बैठ कर भोजन करते हो तो इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है जैसा की हम जानते है हम जब जमीं पर पालथी मारकर बैठ थे है टी इस अवस्था में हमारा भोजन जल्दी पचाने की स्थिति में पहुच जाता है ! जिसके कारण हमको भोजन के पचाने में कोई भी परशानी नही होती है ! भोजन जल्दी पच जाएगा तो उसके पचाने से होने वाली प्रक्रिया हमारे शारीर को फायदा देती है ! और भोजन पेट के अन्दर सड़ने नही लगेगा
6 - बिछिया पहने की परम्परा
जब किसी लड़की की शादी होती है तो उसके पैरो की उंगली में जो गहना पहना जाता है उसको ही बिछया कहते है परन्तु इसके पहने के पीछे की वजह भी बहुत ही साफ राज है जब किसी लड़की की शादी होती है तो उसमे होने वाले हार्मोन्स परिवर्तन के कारण पैरो में बिछिया पहनाये जाती ताकि उसमे हुई बदलाव से उस पर कोई भी दुष्परिणाम ना हो !
7 सूर्य को जल चढ़ाना
आप कभी जल्दी सुबह जाग कर देखना जब सूर्यादय हो रहा हो उस समय कोई ना कोई सज्जन आपको सूर्य की तरफ मुंह कर के जल चढ़ा रहे होंगे ! इसमे जो कारण है उसको समझाने के लिए हमको किसी की भी जरुरत नही है क्योकि इस परम्परा के कारण एक तो इन्सान जल्दी जागता है और सूर्य के निकलने से पहले स्नान कर लेता है तो उसके सह्रीर में पुरे दिन स्फूर्ति रहेगी दूसरी वजह है हम जब सूर्य के समाने खड़े होकर उसको जल चढ़ाते है तो सूर्य से आने वाली लालिमा किरण जब पानी से होकर हमारी आँखों पर पड़ती है तो इसके कारण हमारे आँखों की ज्योति सही बनी रहती है !
8 - नदी , तालाबो में सिक्का डालना
अपने देखा होगा की बहुत से इन्सान जब किसी भी नदी या तालाब के पास से गुजरते है तो वे उसमे सिक्का डालते है ! हम सभी जानते है की पहले सिक्के अष्टधातु से बनाये जाते थे या फिर लोहे से बनाये जाते थे और पानी में जब हम किसी भी अष्टधातु या लोहे की चीज़ डालते है तो यह वास्तु में उस पानी में मिलकर जो क्रिया होती है उसके कारण उस नदी या तालाब का जल शुद्ध और हमारे पिने योग्य हो जाता है उसके जल पिने से हमारे अन्दर लौह तत्व की कमी नही होते है जो की हमारे शारीर के लिए जरुई होता है !
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आज के समय भारत प्राचीन परम्परा आज भी विश्व की जरुरत बनी हुए है देश में होने को तो बहुत सारी रीति रिवाज है परन्तु हम आपको यंहा कुछ रीति रिवाजो के गर्व करने लायक जानकारी आपको दे रहे है जो अक्सर करके हमारे देश के प्रत्येक घर समाज में उपयोग में लायी जाती है और जिसका आप वैज्ञानिकता से यूज़ देख सकते है
जैसा की आप सभी जानते है की भारतीय परिवेश में तिलक का बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल होता था आजकल तो कम होगा है क्योकि आज इसको सिर्फ किसी पंडित से इसको जोड़ कर रख दिया गया है परन्तु वैदिक कल में इसका इस्तमाल वे सभी इंसान कर सकते थे जिनका रुझान ज्ञान की तरफ होता था
आज हम तो अपनी परम्पराए को छोड़ते जा रहे जो वैज्ञानिक आधार खाड़ी की गयी थी लेकिन हम उन परम्पराओ को आज बिना सोचे इस्तमाल किये जा रहे है जिनका न तो इस देश की संस्कृति से कोई लगाव है न इस भारत देश की जन जीवन में मिली हुई रीति रिवाज है
अब आपको तिलक लगाने की वैज्ञानिक कारण बताते है
जैसा की आप जानते तिलक आँखों के बीच में जिस हम माथा,ललाट आदि नामो से जानते
जंहा पर तिलक लगा जाता है तो वैज्ञानिक तर्क है आँखों के बीच से माथे तक एक नस जाती है जिस पर तिलक लगाने उस जगह की उर्जा बनी रहती है और फिर जब हम उस जगह उंगली से दबाब डालते है तो उस पर जो दबाब लगता है तो उस से रक्त संचार अच्छी तरह से होता और चहरे की कोशिकाए स्वस्थ रहती है
2 - बैठकर जल पीना
भारतीय रीति रिवाजो में शायद कोई भी इसी बात नही होगी जिसको आप कोई वैज्ञानिकता पर नही रख सकते है जैसे की जल पीना भारतीय सभ्यता में खड़े हो कर लेटकर या चलते हुए जल पीना निषेध है
भारतीय सभ्यता में जल को सिर्फ आप बैठकर ही पी सकते हो लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध में हम आज बोतल, फ्रीज़ आदि का पानी खड़े होकर लेटर पी रहे जो हमको गंभीर बीमारी जैसे घुटनों में दर्द आदि रोग दे सकते है और जिसको शायद को भी व्यक्ति ठीक नही कर सकता है
3 - उत्तर दिशा की तरफ पैर कर के सोना :-
जैसा अमूमन देकने को यही आता है की जब सो रहे होते है तो हम इस बात का बिलकुल भी ध्यान नही रखते है हमने अपना सर किस दिशा में कर के सो रहे इसका हमे कोई दुष्प्रभाव भी पडेगा ! लेकिन हम आपको बताते है की सोते समय हमारा सर दक्षिण दिशा या पूर्वी दिशा की तरफ ही होना चाहिए क्यों ?
इसका जबाब है यह है की आप सभी जानते है उत्तर दिशा में सर रखकर सोने से हम चुम्बकीय तरंगो की सीध में आ जाता है और जिसके कारण हमारे शरीर में मौजूद आयरन (लौह तत्व) दिमाग की तरफ हो ने लगता है जिसके कारण हमको दिमागी बीमारी हो सकती है ,
4 - खाने के बाद मीठा खाना
हम जब भी खाना खाते है तो हमारे भोजन में कुछ तीखा होता है ! और फिर आजकल तो मसालेदार भोजन पसंद किया जाता है ! लेकिन आपने कभी इस बात पर ध्यान नही दिया होगा की खाने के बाद मीठा खाना चाहिए क्योकि जब हम तीखा ,मसालेदार खाना खाते है तो हमारे पेट के अन्दर उस तीखेपन,मसालेदार के कारण एसिड बन जाती है जिसके कारण हमको परेशानी होती है तो मीठा कहने से वह परेशानि नही होती है इसलिए भारतीय भोजन में खाने के बाद मीठा खाने का रिवाज है !
5 - शादी में हल्दी लगाना
अपने देखा होगा की जब किसी भी लड़की , लडके की शादी होती है , तो लडके और लड़की के पूरी शारीर पर हल्दी लगाने की रस्म भी निभाई जाती है ! जो लोग दिखावटी आधुनिक सोच रखते है वे तो इस परम्परा से भ्चाने की कोशिश करते है ! और अपनी शादी या जानकर की शादी में लडके , लड़की को आज कल केमिकल से युक्त पदार्थ से अपने शारीर को भर लेते है ! लेकिन हम लोग यह नही सोचते है की हल्दी क्यों लगाई जाती है ! इस वजह यह है की जब कोई भी लड़का या लड़की की शादी होती है तो उसका शारीर की चमक बढ़ जाये और उसके शारीर में किसी भी प्रकार का कोई भी जीवाणु ना रहे क्योकि अब एक दुसरे के शारीर में होने वाले बदलाव से हमको बचाया जा सके
5 - जमीं पर बैठकर भोजन करना
हम जब भी जमीं पर बैठ कर भोजन करते हो तो इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है जैसा की हम जानते है हम जब जमीं पर पालथी मारकर बैठ थे है टी इस अवस्था में हमारा भोजन जल्दी पचाने की स्थिति में पहुच जाता है ! जिसके कारण हमको भोजन के पचाने में कोई भी परशानी नही होती है ! भोजन जल्दी पच जाएगा तो उसके पचाने से होने वाली प्रक्रिया हमारे शारीर को फायदा देती है ! और भोजन पेट के अन्दर सड़ने नही लगेगा
6 - बिछिया पहने की परम्परा
जब किसी लड़की की शादी होती है तो उसके पैरो की उंगली में जो गहना पहना जाता है उसको ही बिछया कहते है परन्तु इसके पहने के पीछे की वजह भी बहुत ही साफ राज है जब किसी लड़की की शादी होती है तो उसमे होने वाले हार्मोन्स परिवर्तन के कारण पैरो में बिछिया पहनाये जाती ताकि उसमे हुई बदलाव से उस पर कोई भी दुष्परिणाम ना हो !
7 सूर्य को जल चढ़ाना
आप कभी जल्दी सुबह जाग कर देखना जब सूर्यादय हो रहा हो उस समय कोई ना कोई सज्जन आपको सूर्य की तरफ मुंह कर के जल चढ़ा रहे होंगे ! इसमे जो कारण है उसको समझाने के लिए हमको किसी की भी जरुरत नही है क्योकि इस परम्परा के कारण एक तो इन्सान जल्दी जागता है और सूर्य के निकलने से पहले स्नान कर लेता है तो उसके सह्रीर में पुरे दिन स्फूर्ति रहेगी दूसरी वजह है हम जब सूर्य के समाने खड़े होकर उसको जल चढ़ाते है तो सूर्य से आने वाली लालिमा किरण जब पानी से होकर हमारी आँखों पर पड़ती है तो इसके कारण हमारे आँखों की ज्योति सही बनी रहती है !
8 - नदी , तालाबो में सिक्का डालना
अपने देखा होगा की बहुत से इन्सान जब किसी भी नदी या तालाब के पास से गुजरते है तो वे उसमे सिक्का डालते है ! हम सभी जानते है की पहले सिक्के अष्टधातु से बनाये जाते थे या फिर लोहे से बनाये जाते थे और पानी में जब हम किसी भी अष्टधातु या लोहे की चीज़ डालते है तो यह वास्तु में उस पानी में मिलकर जो क्रिया होती है उसके कारण उस नदी या तालाब का जल शुद्ध और हमारे पिने योग्य हो जाता है उसके जल पिने से हमारे अन्दर लौह तत्व की कमी नही होते है जो की हमारे शारीर के लिए जरुई होता है !
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