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Thursday 7 July 2016

जाने अच्छी बाते अरेंज्ड मैरिज के बारे में हिंदी में ! अरेंज्ड मैरिज को क्यों बताया जाता है बेहतर लाइफ के लिए arranged marriage in hindi : jane arranged marriage ko kyo behtar maana jata hai life ke liye

इस टॉपिक पर मै अपने विचार रखु उस से पहले मै यह बताना चाहूँगा की अपवाद सभी में होते है जैसे की कंही कोई लव मैरिज में भी बहुत Happy  है  तो बहुत अरेंज्ड मैरिज में दुःख है ! लेकिन फिर भी भारत जैसे देश में जंहा पर रीति रिवाजों की एक लम्बी लाइन हो , परिवारों की सीमा हो और सबसे बढ़कर संस्कारो की एक मजबूत आधार हो तो फिर उस जगह पर लव मैरिज की वजह अरेंज्ड marriage को ही तरजीह दी जाती है ! वैसे भी अपने देश में 90 % तक सभी ARRANGED MARRIAGE ही करते है !चाहे आपको या आपके किसी भी जान पहचान वालो की अरेंज्ड मैरिज असफल क्यों ना हो गयी हो ! यह बात को आप इस प्रकार से समझाने की कोशिश कर सकते है की , आप कितना भी सुरक्षित होकर रोड पर DRIVE करो लेकिन कभी न कभी आपके साथ हादसा हो ही जाता है , लेकिन क्या आप DRIVE करना छोड़ सकते हो ?
नहीं ना  ! एक बार तो कोई इन्सान उस WORK को छोड़ भी  सकता है जिस में कोई ख़तरा हो या उस काम में ज्यादातर को हानि होती हो ! लेकिन उस काम को नही जिसको आप जांच परख कर करते हो , जिसमे खतरा तो दिखाई ही नही देता हो  ! ARRANGED MARRIAGE भी इसी प्रकार का WORK है ! कुछ लोग मेरी इस बात से सहमत नही हो सकते है लिकेन फिर भी जो लोग इसके पक्ष में नही है उनके माता पिता ने शायद ARRANGED MARRIAGE ही की होगी तो वह सोच सकते है की ARRANGED MARRIAGE करने वाले कितने खुश रहते है अपनी LIFE से !
आज हम आपको इस टॉपिक पर कुछ इसके अच्छे परिणाम और क्यों जरुरी है Arranged Marriage ही करना इसके बारे में भी बताएँगे !
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ARRANGED MARRIAGE  जिसका नाम सुन कर मन में रोमांच ,ख़ुशी , झिझक एक अलग तरह कल्पनाए जाग जाती है ! कुछ मीठी सी तो कभी खट्ठी से स्वाद चखा देती है अरेंज्ड मैरिज ! अरेंज्ड  मैरिज के बारे में हम को भारतीय परिवेश के अनुसार ही बताने की कोशिश करेंगे !
सबसे पहले हम आपका ध्यान इस बात की तरफ खीचने की कोशिश ही करेंगे  की आखिर में अरेंज्ड मैरिज की इसी क्या खाशियत है जो की सभी यही कहती है की arranged marriage ही करनी चाहिए , आज के दौर को देखकर तो और भी जरुरी हो जाता है Arranged marriage को हो प्राथमिकता दी जाए ! हमको आपको कोशिश करेंगे step दर step समझाने की ,

बेहतर जीवन साथी मिलना !

दोस्तों हम जो यह बात कह तहे है इसके पीछे का जो लोजिक है , वह बहुत ही सरल है ! क्योकि हम जब भी कोई भी चीज़ लेते है तो जाहिर सी बात है की हम उसको पूरी जांच पड़ताल कर के ही लेते है ! जिस में अगर एक नए रिश्ते की बात हो वह रिश्ता भी ऐसा जिस से पूरी हमारी जिंदगी प्रभावित् होगी , और साथ में हमारे परिवार की जिंदगी पर भी इसका असर होगा तो फिर भला हम कैसे सिर्फ इसलिए किसी से भी अपने रिश्ते जोड़ ले जिस के बारे में हमको जानकारी नही हो , ऐसा ही कुछ लव मैरिज के पक्ष में खड़े होने वाले लोगो के विचार भी होते है लेकिन उनके विचारो और arranged marriage करने वाले के विचारो में बहुत ही सूक्ष्म लेकिन बड़ा अंतर है !

  1. लव मैरिज करने वाला जब किसी भी इन्सान को लाइक करता है तो वह उसकी अच्छाई , सुन्दरता , व्यवहार , आकर्षण , आदि भावनाओ से प्रभावित होकर ही लाइक करने लगता है ! लेकिन क्या हम कभो सोचते है की किसी भी इन्सान में जो गुण हो जिसको हम लाइक कर रहे है वह गुण हमारे जीवन के लिए जरुरी है या कुछ समय के लिए ! अगर हम सिर्फ पसंद के आधार पर ही हम किसी भी के साथ रिश्ते नही जोड़ सकते है क्योकि इन्सान जज्बात है वह कभी दुःख के होते है तो कभी ख़ुशी के भी होते है ! 
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दूसरी बात अगर हम जब किसी से प्यार और दोस्ती के रिश्ते होते है तो जाहिर सी बात है की हम अपनी अच्छाई ही उसके सामने रखेंगे , हमारे अन्दर की सारी गलत आदत को हम उसके सामने जाहिर नही होने देंगे उसी प्रकार क्या आप जिस के साथ रिश्ते में रहना चाहते हो वह भी तो अपनी कमी को छिपाने की कोशिश ही करेंगे ! तो फिर हम कैसे अपने जीवन की डोर इसे रिश्ते में बांध ले जिसके बारे में हम को जो भी पता है उसकी सच्चाई का कोई भी अधर नही है !
यह सब अरेंज्ड मैरिज नही होता है , क्योकि हम जब किसी भी रिश्ते की बात होती है तो उसको हमारे किसी रिश्तेदार या जानने वाले की तरफ से रिश्ते की बात होती है , तब तक तो लड़की या लड़के को कुछ भी पता ही नही होता है की उनके रिश्ते की बात हो रही है ! जब किसी भी माँ बाप को लड़के या लड़की के बारे में बताया जाता है तो सबसे पहले आप उसके  के बारे में जानकरी करते हो , जब आपको अपने अनुसार वह लड़की या लड़का लगता है तो फिर आप उसके परिवार के बारे में जानकरी जुटाते है , उसमे आप किसी रिश्तेदार , जान-पहचान वाले की मदद लेते है , जब सब की राय सही होती है तब जाकर आप सीधे लडके के बारे में सोचते है उसमे भू एक लड़के को देखने के नाम पर कम से कम 4 - 5 बार उसकी परख की जाती है और हर बार नए इन्सान के दवरा की जाती है जब सभी को लड़का सही लगता है तब जाकर बात आगे बढती है !
अब बरी आती है लड़के वालो की जब लड़की वाले लड़के को पसंद कर लेते है तो उसके बाद लडके के परिवार के सदस्य या लड़के को भी लड़की देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है ! उसी प्रकार लड़के वाले भी पूरी जांच पड़ताल कर के अपनी पसंद से अवगत करते है !
उसके बाद सगाई की जाती है अर्थात् लडके को लड़की वाले पक्का करते है और लड़की को लडके वाले पक्का करते है यानी एक दुसरे के लिए चुन लेते है ! अब विवाह के लिए ज्यादा से ज्यादा समय लिया जाता है ! और फिर सगाई की रस्म हो जाने के बाद एक दुसरे के परिवार में आना जाना शुरू हो जाता है इसका सीधा से मतलब है की अब हम एक दुसरे के परिवार को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा क्या ऐसा love marriage कर सकते हो की हम पूरी तरह से उसको और उसके परिवार को परख सके !
अगर इस दौहरान कोई भी होती है तो हम रिश्ते को छोड़ सकते है ! उसके पश्चात् ही विवाह की बाकी रस्म होती है !
अच्छे परिवार के साथ रिश्ता जुड़ना !

हम जब किसी से भी रिश्ते में होते है तो उसका असर हमारे भविष्य पर भी पड़ता है तो हमारे परिवार भी पड़ता है ! क्या हमारे साथ हुए हादसा का असर सिर्फ हमारे साथ ही होगा या फिर हम से जुड़ा प्रत्येक इन्सान पर होगा सरल सी बात है की हर इन्सान पर पडेगा उसी प्रकार हमारे रिश्ते का असर भी सभी पर होगा , जब हम अपने लिए नए रिश्ते की शुरुआत करने जा रहे हो तो उसके लिए हमको अच्छे परिवार का साथ मिला भी उतना ही जरुरी है जितना अपना साथी ! क्योकि अगर साथी सही हो और उसके परिवार के सही नही तो भी हमारी जिंदगी पर असर पड़ता है !

परेशानी में सबका साथ मिलता है 

जीवन में इन्सान के साथ कभी बुरा हो सकता है क्योकि यह तो जरुरी नही है की हमारे सहत कोई भी हादसा नही हो तो उस समय हमको अपने परिवार की जर्य्रत होती है लेकिन जब हम किसी नए रिश्ते के कारण अपने परिवार का साथ छोड़ते है तो फिर हम किस तरह अपने परिवार से सम्बन्ध रख पते है क्योकि हमने तो उनके खिलाफ जाकर ही रिश्ता जोड़ा है !

अच्छा समय बिताने के लिए !

हमरे जिंदगी में कुछ पल ऐसे होते है जिसमे अपने होने जरुरी है जिनके साथ हम अपने ख़ुशी के पल भी बिता सके जो ख़ुशी हमको अपनों के बीच में मिल सकती है वह ख़ुशी हमको गैर के साथ नही मिल सकती है , हम आपको इस बात को एक उदारहण से समझाने की कोशिश करता हूँ ! आप में कोई भी बुरी आदत हो जैसे की गुटखा , सिगरेट ,शराब ,जुआ आदि तरह की तो आपको आपके घर वाले और वह व्यक्ति ही आपको टोकेगा जीको आपकी इस आदत से फर्क पडेगा क्या आपको इन आदत पर घर वालो या चाहने वालो के आलावा भी आपके पडोसी भी डाँटते है , शायद नही क्यों ? बहुत ही सरल है क्योकि अगर आपको गलत आदत उनके परिवार पर असर तो नही कर रही है ना ही उनका कोई भी नुकसान कर रही है तो फिर भला वह आप से क्यों कहने लगे जबकि आपके घर के आपके पीछे हाथ धोकर पद जाते है ! उसी प्रकार हमरे गम से या ख़ुशी से अपने घर वालो पर ही फर्क पड़ता है ना की गैर पर इस्ल्ये हमको इसे ही रिश्ते की नीव रखनी चाहिए जिस से हमको संतुष्टि मिल सके !
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